( बेबस )बेबस है कितना इंसान आजकल
कौडियो में बेचे है ईमान आजकल
जिंदगी की कीमत कुछ न रही
बिकता है मौत का सामान आजकल
कौमी एकता की मिलती नहीं मिसाल
राम और रहीम है परेशान आजकल
किताबी बाते किताबो में रहने दो
जीतता है झूठा बयान आजकल
आदमी को हम कहाँ ढूंढ़ते चरण
आदमी का चेहरा शैतान आजकल
चरणदीप अजमानी, पिथौरा 9993861181
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