( वतन बचाने आ जाओ )
खवाब जो देखे थे पहले उसे सजाने आ जाओ
भगत सुखदेव राजगुरु वतन बचाने आ जाओ
राम नाम के भेष में अब तो रावण छिप कर बैठा है
बन गयी लंका अब फिर से उसे जलाने आ जाओ
भगत सुखदेव राजगुरु वतन बचाने आ जाओ
शहीदों की शहादत को यह देश भूल कर बैठा है
रहबर रहजन बन बैठे राह दिखाने आ जाओ
भगत सुखदेव राजगुरु वतन बचाने आ जाओ
आज़ादी का जो सपना तुमने बचपन में देखा था
एसेम्बली में जो तुमने बहरो के लिए बम फेंका था
इन्कलाब का नारा फिर से याद दिलाने आ जाओ
भगत सुखदेव राजगुरु वतन बचाने आ जाओ
चरणदीप अजमानी पिथोरा 9993861181
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Ajmani61181.blogspot.com
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