( व्यथित लोकतंत्र )
अब तो प्रशाशन का ,यही मूलमंत्र है
भ्रष्ट सारा तंत्र यहाँ, व्यथित लोकतंत्र है
जांच कमेटी बने,आंच नहीं आये पर
जनता के नाम का,ये कैसा प्रजातंत्र है
जीत जाती बेईमानी,हारती इमानदारी
आदमी के हाथो अब,आदमी परतंत्र है
कैसे सुराज आये,कैसे रामराज्य आये
नेताओं के हाथो की,संसद बनी यन्त्र है
चरणदीप अजमानी, पिथोरा
9993861181Ajm.charan@gmail.com
Ajmani61181.blogspot.com
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