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Wednesday, January 26, 2011

               





                 





                 




                 ( माँ )

 वो माँ जो कहानियाँ सुनाया करती थी 
वो माँ जो आँचल में सुलाया करती थी 


वो माँ जो हर वक़्त समझाया करती थी
वो माँ जो रोने पर चुप कराया करती थी


वो माँ जो अच्छी बाते सिखलाया करती थी
वो माँ जो गम में मुस्कुराया करती थी


वो माँ जो रूठने पर मनाया करती थी  
वो माँ जो खुद भी रूठ जाया करती थी  


वो माँ अब मेरे करीब नहीं है 
उसकी स्मृत्या मेरे जीवन में बसी है 


उसकी हर बातें मुझे प्रेरणा देती है 
बेजान सी जिंदगी को नया जीवन देती है  
                  
चरणदीप अजमानी, पिथौरा 9993861181
Ajm.charan@gmail.com
Ajmani61181.blogspot.com


 




     

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