( जनवादी कवि अदम गोंडवी को श्रृंखला साहित्य मंच द्वारा श्रध्दाजंलि )
''काजू भुने प्लेट में विस्की गिलास में
उतरा है रामराज विधायक निवास में ''
जैसी पंक्तियाँ लिखने वाले देश के ख्याति प्राप्त जनवादी कवि अदम गोंडवी नही रहे। हिन्दी गजलों के ‘गजलराज’ रामनाथ सिंह उर्फ अदम गोंडवी हमेशा दबे कुचले लोगों की ‘आवाज’ बने। गोंडवी लगातार समाज की तल्ख सच्चाइयों को गजल के माध्यम से लोगों के सामने रखते रहे और कागजों पर चल रही व्यवस्थाओं की पोल खोलते रहे। संवेदन हीन सरकार उनका इलाज तक नही करवा पाई। निसंदेह अदम जी का निधन साहित्य में बड़ी क्षति है। "श्रृंखला साहित्य मंच" पिथौरा द्वारा उन्हे भावभीनी श्रध्दाजंलि अर्पित की गई। श्रध्दाजंलि सभा में प्रमुख रुप से सर्वश्री पी. के. सच्चिदानंदन, एस.के.ड्ड्सेना, उमेश दीक्षित, अनुप दीक्षित, दिनेश दीक्षित, शिवा महान्ती, सन्तोष गुप्ता, एस. के. नीरज , चरनदीप अजमानी, निर्वेश दीक्षित, एफ़. ए. नन्द उपस्थित थे
श्रधांजलि देने वालों की ये जमात उस वक्त कहाँ थी जब धन के अभाव में अदम जी गौंडा के सरकारी हस्पताल में जीवन से संघर्ष कर रहे थे...हम इंसान को मरने के बाद क्यूँ पूजते हैं?
ReplyDeleteनीरज